निष्काम कर्म, व्यक्तिगत लाभ के लिए किए गए संस्कारों और कर्तव्यों को अस्वीकार करना है – काम्य कर्म और निषिद्ध कर्म, दोनों। …परम द्विज

(Based on the live discourse of Param Dwij)
(परम द्विज के प्रवचन पर आधारित)