दाता सर्वोच्च निर्माता है और हम रचना हैं। रचना रचियता नहीं हो सकती। रचना यानी सृष्टि रचनाकार के साथ केवल कुछ बनाने में सहयोग कर सकती है और ठीक ऐसे ही होता है। …परम द्विज

(Based on the live discourse of Param Dwij)
(परम द्विज के प्रवचन पर आधारित)